बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी परिवार एक संस्था नहीं, एक बड़ा परिवार है। सोसायटी की सफलता का सबसे बड़ा रहस्य यही कि बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी एक परिवार है। इस परिवार में पद-प्रधानता का नहीं बल्कि कर्म-प्रधानता पर ज़ोर दिया जाता है।
विगत २ वर्षों में बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी परिवार के सदस्यों ने कई उल्लेखनीय सेवाओं के द्वारा सोसायटी का नाम पूरे विश्व में रोशन किया है। उत्कृष्ट टीम भावना के बल पर लगातार चार साल तक का सफ़र तय किया है। तो चलिए सोसायटी के सदस्यों से रूबरू होते हैं:

मुईन अख्तर
झाँसी में स्थापित बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी के वर्तमान स्वरूप व इसकी स्थापना का सपना देखने वाले कोई और नहीं, मुईन अख़्तर हैं। सोसायटी की परिकल्पना करने से लेकर इसकी हर सफलता में इनका महत्वपूर्ण मार्गदर्शन व सुझाव रहा है। वैसे तो मुईन अख़्तर सोसाइटी के किसी भी पद पर औपचारिक रूप से नही हैं| मगर प्रमुख सलाहकार के रूप में उनकी सेवाएँ सोसायटी को सदैव मिलती रहतीं हैं।
झाँसी के जाने-मानें कला शिक्षक व चित्रकार मुईन अख़्तर बुंदेलखंड में कला के प्रोत्साहन और विकास को लेकर काफ़ी सक्रिय हैं। उनका सपना है कि पूरे विश्व में बुंदेलखंड कला के एक प्रसिद्ध व सक्रिय केंद्र के रूप में विकसित हो। जलरंग माध्यम से द्रश्य चित्रण में माहिर मुईन अख़्तर बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व रखते हैं। चित्रकारी के अलावा वे एक सफल कला शिक्षक, यू टूबर(YouTube Channel- Fine Artist Mueen), ब्लॉग लेखक (Blog- Mueen Akhtar), ऐन सी सी अधिकारी, समाज को प्रेरित करने वाले समाज सेवी भी हैं। इनकी दूरदृष्टि व महत्वकांक्षी सोच के बल पर ही बुंदेलखंड आर्ट् सोसायटी एक परिवार के रूप में आपके साथ खड़ी है। ये तो उनकी सोच व बुंदेलखंड में कला को विकसित करेने की शुरुआत मात्र है। भविष्य में इनके प्रयासों व योगदान से कला जगत को यदि नयी ऊर्जा व आयाम मिलें तो इसमें कोई आश्चर्य नही होगा।
मेरा प्रयास है कि बुंदेलखंड में कलाकारों की का एक ऐसा परिवार विकसित हो जो कला और कलाकारों के हित के लिए काम करे। बुंदेलखंड में कला व संस्कृति के लिए अपार सम्भावनाएँ है। किंतु इनके विकास व कलाकारों के कल्याण के लिए यहाँ के सभी कलाकारों व कला संस्थाओं को एक साथ आना होगा । शुरुआत हो चुकी है और परिणाम भी बेहतर आने लगे हैं। यह प्रयास जारी रहेगा…।
मुईन अख़्तर
विक्रांत झा
ललितपुर के क़स्बे तालबेहट के सबसे चर्चित चित्रकार विक्रांत झा सोसायटी के उपाध्यक्ष हैं। सोसायटी के जन्म से पहले, मुईन अख़्तर के साथ इन्होंने भी बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी की स्थापना की रूपरेखा तैयार की थी। चित्रकार मुईन अख़्तर के बचपन के मित्र विक्रांत झा भी एक अच्छे जलरंग के चित्रकार है। दोनों मित्रों ने कला की प्रारम्भिक शिक्षा झाँसी के वरिष्ठ चित्रकार डॉ शुभेश से ली थी। पेशे से स्वास्थ्य सेवा व फ़ार्मेसी के क्षेत्र से जुड़े विक्रांत झा दिल से एक सच्चे चित्रकार हैं। बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी के उपाध्यक्ष के रूप में वे सोसायटी परिवार में अपनी सारी जिम्मेदारियाँ बखूबी निभा रहे हैं। बुंदेलखंड में मुईन अख़्तर के बाद वही दूसरे चित्रकार हैं जो जलरंग में द्रश्यचित्रण कर रहे हैं। दोनों ही मित्रों का सपना है कि बुंदेलखंड में जलरंग चित्रण को विकसित किया जाय और देश-विदेश के सभी बड़े चित्रकारों को यहाँ आमंत्रित किया जाय।

कुछ ही सालों में बुदेलखंड आर्ट सोसायटी परिवार ने इस क्षेत्र की कला में कई क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिए हैं। रजिस्ट्रेड संस्थाओं में हम से मिलती-जुलती आज कुछ संस्थाएँ बुंदेलखंड क्षेत्र में चल रहीं हैं। जिससे कहीं ना कहीं यहाँ की कला व कलाकारों को लाभ होगा। इसे हम अपनी सफलता के रूप में देखते हैं। आप भी इस परिवार का सदस्य बनें और कला के प्रोत्साहन में सक्रिय भागीदारी निभाएँ …।
विक्रांत झा, उपाध्यक्ष बुंदेलखंड आर्ट सॉसाययटी।

आर के खत्री

आर के खत्री पेशे से एक शिक्षक व प्राचार्य हैं। शिक्षा सेवाओं के अतिरिक्त कला व समाज सेवा में भी वे गहरी रुचि रखते हैं। प्रशासनिक व प्रबंधन के माहिर खत्री सोसायटी में एक ख़ास स्थान रखते हैं। वे बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी परिवार के प्रमुख सदस्यों में से एक हैं। उनकी परखी नज़र, प्रशासनिक दक्षता, सूझ-बुझ, विनम्र स्वभाव और टीम भावना व प्रबंधन से सोसायटी ने कई अवसरों पर सफलता पाई है। यूँ कहें कि परिवार में कई रत्न हैं और उनमें से एक रत्न यह भी हैं तो ग़लत न होगा।
विक्रांत झा सोसायटी के हर निर्णय, योजना व काम को मुईन अख़्तर व आर के खत्री के परामर्श के बिना नहीं करते। सोसायटी में भी सोसाइटी के आन्तरिक मामलों, प्रशासनिक कामों की जिम्मेदारी आर के खत्री देखते हैं| सोसाइटी के भावी योजाओं को बनाने से लेकर क्रियान्वयन तक का काम इन्हीं के निर्देशन में होता है|
धीरज खरे
धीरज खरे झाँसी के एक युवा चित्रकार हैं। सोसायटी के प्रमुख लोगों में धीरज भी अपना स्थान रखते हैं। सोसायटी के सबसे कर्मठ, ईमानदार व शांत कार्यकर्ताओं में इनकी गिनती की जाती है। धीरज खरे मुईन अख़्तर व विक्रांत झा के सबसे करीबी व विश्वासपात्र मित्रों में से हैं।
सोसायटी की सबसे महत्वकांक्षि प्रोजेक्ट वार्षिक बुंदेलखंड राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी व अवार्ड के प्रमुख आयोजक धीरज खरे ही रहे हैं। इनके मार्ग-दर्शन में सोसाइटी ने लगातार 2 वर्षों में वार्षिक प्रदर्शनी का सफल आयोजन किया है| करोना के चलते गत वर्ष व इस वर्ष वार्षिक प्रदर्शनी का आयोजन नही किया जा सका। करोना से मुक्ति के बाद पुनः धीरज इस प्रोजेक्ट को नए आयाम देने को तैयार हैं।

मृदुला सक्सेना

मृदुला सक्सेना झाँसी की एक प्रसिद्ध महिला चित्रकार हैं।अपनी चित्रकला व कला के क्षेत्र में इनके प्रयासों ने कई महिला चित्रकारों को प्रेरित करने का काम किया है। वे और डॉ मधु श्रीवास्तव बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी परिवार में सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं। ये दोनों वरिष्ठ सदस्य सोसायटी में युवा व वरिष्ठ में अच्छा संतुलन बनाए हुए हैं। इनके मार्ग दर्शन, आशीर्वाद व सहयोग से ही सोसायटी आगे तेज़ी से प्रगति कर रही है।
सोसायटी की सबसे मृदु भाषी मृदुला जी की सफलता उनकी क़ाबलियत को दर्शाता है। लगातार दो साल मनु के दोनों सस्करणों में उन्होंने जो सफलता अर्जित की है वो क़ाबिले तारीफ़ है। मनु-अंतराष्ट्रीय महिला कलाकार प्रदर्शनी के प्रथम व द्वितीय संस्करण को सफलता पूर्वक सम्पन्न करने का श्रेय मृदुला सक्सेना को जाता है| वे इस आयोजन की प्रमुख आयोजक थीं|
डॉ मधु श्रीवास्तव
डॉक्टर मधु श्रीवास्तव बुंदेली कला की विशेषज्ञ हैं। बुंदेली कला पर उन्होंने अनुसंधान किया , किताब प्रकाशित की। बुंदेली कला के प्रोत्साहन हेतु उनका योगदान अमूल्य व सराहनीय है। जल्दी ही सोसायटी उनके मार्ग-दर्शन व नेतृत्व में बुंदेली कला विषय पर कुछ कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। वे वर्तमान में वे परिवार की सबसे वरिष्ठ सदस्या हैं। इनके जुड़ने से सोसायटी को बुंदेली कला की विशेषज्ञ व सक्रिय चित्रकार मिली। वहीं दूसरी ओर इनके आगमन से सोसायटी में युवा व वरिष्ठ सदस्यों में बेहतर संतुलन बना है।

पारुल सोसा

पारुल सोसा सूरत (गुजरात) की सबसे चर्चित व सक्रिय चित्रकार हैं। प्रेशियस डिज़ाइन इन्स्टिटूट (Precious Design Institute) की फ़ाउंडर पारुल सोसा एक इंटिरीअर डेकरेटर भी हैं। डेको प्लस्ट थ्री डी पेंटिंग में उन्होंने इंडिया बुक ओफ़ रिकोर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है। व्यक्तित्व व स्वभाव से सुंदर पारुल सोसायटी की सबसे सक्रिय और विश्वसनीय सदस्यों में से ऐक हैं। बुंदेलखंड के बाहर रहते हुए भी सोसायटी के प्रति उनकी सेवा व योगदान उल्लेखनीय है। वे ना केवल सोसायटी की महिला चित्रकारों के लिए, अपितु सभी कला जगत की महिला चित्रकारों के लिए रोल मॉडल हैं। मनु प्रदर्शनी व सोसायटी के सभी कामों में उनकी सक्रिय भूमिका है। वे पूरे भारत के साथ-साथ पूरे विश्व में सोसायटी की एक ब्रांड अंबेसेडोर हैं।
मेराज फ़ातिमा
मेराज फ़ातिमा बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी की एक सक्रिय सदस्य हैं। सोसायटी परिवार को स्थानीय स्तर पर आगे लाने तथा सहयोग करने में इनकी भूमिका रहती है। सोसाइटी में स्थानीय स्तर के प्रबंधन में मेराज खान एक सोसाइटी का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ हैं| स्थानीय स्तर के कई महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियों को विगत कुछ वर्षों से वे बखूबी सम्भाल रहीं है। सोसायटी के किसी भी सदस्य के लिए, कलाकारों के लिए व किसी भी सामाजिक सेवा के लिए वे सदैव सहयोग करने के लिए तत्पर रहतीं है। मीडिया, प्रेस, प्रकाशन, लोकल कांटैक्ट, तथा लोगों से समन्वय बनने में मेराज फ़ातिमा की सहभागिता उन्हें ख़ास बनती है।

युवा ब्रगेड
बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी परिवार में युवा संचार व युवा शक्ति का भंडार है। इन सभी में काम करने की ललक व कला के प्रति जुनून ने ये साबित कर दिया है कि आगामी अवसरों में कई नाम कला जगत में झा जाने वाले हैं। इस क़िस्म के युवा परिवार के सदस्यों में निम्नलिखित सदस्य प्रमुख हैं :
- महिला सदस्यों में– भावना दुबे, प्रियंका रिछारिया, साहिबा सिद्दीक़ी, साधना निरंजन, प्रतिभा डोंगरे, कामिनी मिश्रा, शशि कांति व अन्य कई।
- पुरुष सदस्यों में– दुर्गेश कुमार, नितेश पांचाल, धर्मेंद्र कुशवाह, शैलेंद्र कुमार, मयंक, आलोक, सबत खालदि आदि।
इनके अलावा भी कई और सदस्य हैं जो परिवार का सहयोग प्रत्यक्ष रूप से ना कर अप्रत्यक्ष रूप से कर रहें हैं। वे जहां जहां हैं वहाँ वहाँ हमारी बात लोंगों तक पहुँचा रहे हैं।
अनुभवी व पेशेवर सदस्य
सॉसाययटी में कुछ पेशेवर व अनुभवी सदस्य भी हैं जो अपने-अपने क्षेत्र में कला अपना योगदान दे रहे हैं। इन प्रमुख लोगों में हैं:
- डॉक्टर बृजेश परिहार
- सुनील कुमार साहू
- शुभदीप मुखर्जी
- ब्रजेश पाल
(यह भी पड़ें – बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी की सफलता के सूत्र)
सोसायटी परिवार की सदस्यता
सॉसाययटी एक संस्था के रूप में नही एक परिवार के रूप में काम कर रहा है। सॉसाययटी उन सभी लोगों को परिवार का सदस्य बनाने का आग्रह करती है जो हमारे उद्देश्यों व लक्ष्यों में आस्था रखते हैं। सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि किसी को सॉसाययटी से जुड़ने से क्या फ़ायदा? इसका जवाब इस प्रकार है:
- कला जगत में अपनी उपस्थिति व योगदान देने के अवसरों की प्राप्ति।
- राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय कला मंच में सहभागिता।
- हमारे उद्देश्यों व लक्ष्य में सहभागिता।
- प्रदर्शनियों, कार्यशाला, कलाकार प्रोत्साहन कार्यक्रम में आपकी सहभागिता।
- कला कार्यक्रमों के संचाल, प्रबंधन, व सहयोग करने के अवसर।
- स्वयं का व्यक्तित्व विकास, नेतृत्व क्षमता, प्रबंधन योग्यता, वाचन कला आदि का विकास।
- सोसायटी के शुल्क-युक्त कार्यक्रमों में छूट।
- सोसायटी के सभी कार्यक्रमों में चयन प्रक्रिया में वरीयता।
- ऑनलाइन प्रोत्साहन
आप भी सदस्य बन सकते हैं
जी हां, आप भी हमारे परिवार के सदस्य बन सकते हैं। हमारा परिवार कला जगत में बड़ी तेज़ी से विकसित होने वाला परिवार है। कभी भी एक व्यक्ति समाज में परिवर्तन नही ला सकता। मगर वही व्यक्ति अपनी सोच को एक टीम के साथ जोड़ दे तो उसे कोई हरा नही सकता। इस लिए संगठन में बाल है, अतः संगठित बनिए, आपका और आपकी सोच की हमें ज़रूरत है। हम कला जगत में परिवर्तन व क्रांति लाना चाहते हैं। अगर आप में भी यही जज़्बा व जुनून है तो आपका स्वागत है।
सदस्यता कैसे लें
बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी की सदस्यता सभी के लिए खुली हुयी है। कोई भी हमारे किसी भी वेब्सायट पर जा कर membership वाले पेज पर ऑनलाइन सदस्यता ले सकता है। सोसायटी एक बार में आजीवन सदस्यता प्रदान कर रही है। अतः इसका लाभ उठाएँ क्यूँकि जल्द ही सदस्यता के नियमों में बदलाव होने वाला है। सम्भवतः सदस्यता शुल्क में भी बृद्धि सम्भव है। किंतु अभी सदस्यता शुल्क इस प्रकार हैं:
- भारतीय कलाकार/कला प्रेमी (सदस्यता शुल्क रु 2000/-)
- भारतीय छात्र (सदस्यता शुल्क रु 1000/-)
- विदेशी कलाकार/कला प्रेमी (सदस्यता शुल्क रु 5000/-)
- विदेशी छात्र (सदस्यता शुल्क रु 3000/-)
सदस्यता यह क्लिक कर के प्राप्त करें –

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