दिनांक 5 मार्च 2021 को बुंदेलखंड आर्ट सोसाइटी एवं राजकीय संग्राहलय के सयुक्त तत्वाधान में आयोजित “मनु 2- (नारी शक्ति) अन्तराष्ट्रीय महिला चित्रकार प्रदर्शनी-2021 का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. सुनीता, वरिष्ट प्रोफेसर व कोऑर्डिनेटर ललित कला संकाय बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कर कमलों द्वारा किया गया|
झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई को समर्पित यह प्रदर्शनी महिलाओं को सम्मान व उचित मंच प्रदान करने हेतु, उनकी कला व किसी भी क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें सम्मानित करने के उदेश्य से आयोजित की गयी है| बुंदेलखंड आर्ट सोसाइटी ये आयोजन झाँसी की रानी लक्ष्मी बाई को समर्पित करती है| इसलिए इस प्रदर्शनी का शीर्षक उनके बचपन के नाम “मनु” पर दिया गया|
(यह भी पड़ें- मनु 2- अंतरष्ट्रिय महिला चित्रकार प्रदर्शनी 2021 का समापन)
मनु २ का उद्घाटन
प्रदर्शनी का उद्घाटन गैलरी में फीता काट के व दीप जला कर किया गया| तत्पश्चात् अतिथियों ने प्रदर्शनी में लगे चित्रों का अवलोकन किया व चित्रकारों से बात भी की| मुख्य अतिथि डॉ. सुनीता, वरिष्ठ प्रोफेसर ललित कला संकाय बुंदेलखंड विश्वविद्यालय थीं। विशिष्ट अतिथि डॉ प्रियंका सिंह रहीं। प्रदर्शनी के अवलोकन के पश्चात् राजकीय संग्रहालय के सभागार में सम्मान व मैडल वितरण समारोह आयोजित हुआ|

विशेष योगदान के लिए महिलाओं का सम्मान
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस को मानते हुए बुंदेलखंड आर्ट सोसाइटी ने तीन विशिष्ट महिलाओं को भी सम्मानित किया। ये महिलाएँ कला के क्षेत्र से अलग अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान कर रही हैं| इस श्रेणी में निम्नलिखित तीन महलों को मनु सम्मान से नवाज़ा गया:
- डॉ. कंचन जयसवाल (महिलाओं के कल्याण व न्याय दिलाने के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए)
- डॉ प्रियंका सिंह (स्वास्थ्य के क्षेत्र में)
- फबिहा खान (सुंदरता व मॉडलिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए)
स्वर्ण पदक
इस प्रदर्शनी में प्रतिभाग कर रहीं महिला चित्रकारों में से निम्नलिखित पांच चित्रकारों को स्वर्ण पदक भी प्रदान किये गये:
- डॉ अमिता खरे (गवालिर)
- स्वाति द्रविड़ (इंदौर)
- रितिक जैन (इंदौर)
- प्रीति वर्मा (चित्रकूट)
- हेमलता वर्मा (झाँसी)

कार्यक्रम की रूप रेखा
इससे पूर्व सोसायटी की ओर से डॉ मधु श्रीवास्तव ने सभी का स्वागत किया। सोसायटी की कोओर्डिंनेटर मेराज फ़ातिमा ने आयोजन से सम्बंधित अपने अनुभवों को सभी के साथ साझा किया। प्रियंका रिछारिया ने सोसायटी की गतिविधियों की जानकारी दी।
ग़ौरतलब है कि बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी ने विमन अचीवेर अवार्डस की घोषणा की। यह अवार्डस विशेष रूप से महिलाओं के लिए महिला दिवस कि उपलक्ष्य पर दिए गये। अवार्डस की घोषणा करते हुए मुईन अख़्तर ने बताया कि अचीवेर अवार्डस गत वर्ष अपने अपने क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय योगदान व उपलब्धि के आधार पर दिए गये।
महिलाओं द्वारा महिलाओं के लिए
प्रदर्शनी की आयोजन मंडल की प्रमुख श्रीमती मृदुला सक्सेना ने इस प्रदर्शनी से जुड़ीं महत्वपूर्ण बातें बतायीं। उन्होंने बताया की यह प्रदर्शनी पूर्णताया महिलाओं द्वारा आयोजित, महिलाओं के लिए है। इसमें आयोजन दल से लेकर मुख्य-अतिथि सब महिला हैं।
यह प्रदर्शनी महिलाओं चित्रकारों को प्रोत्साहित व सम्मानित करने के उद्देश्य से पूरी तरह निःशुल्क आयोजित की गयी है। इस प्रदर्शनी में 100 से अधिक चित्रों को लगाया गया। देश के कई शहरों के लगभग 75 भारतीय कलाकारों ने व 6 विदेशी कलाकारों ने भी भाग लिया। विदेशी प्रतिभागियों में 6 कलाकार विदेश से हैं। अमेरिका से निकोल मैक डेनियल, मॉरीन माकि, ब्रुक हार्कर तथा शेरल बोजकर्त टर्की से हैं।

अतिथि वक्तव्य
मुख्य अतिथि डॉ. सुनीता, वरिष्ठ प्रोफेसर ललित कला संकाय बुंदेलखंड विश्वविद्यालय थीं। उन्होंने कहा,
महिला दिवस के सुअवसर पर महिलाओं की यह प्रदर्शनी अनूठी है। प्रदर्शनी यह साबित करती है कि महिलाओं की रचनात्मक क्षमता का कोई जवाब नही। मौक़ा मिलने पर महिलाएँ अपनी क्षमता व परिश्रम से बहुत कुछ कर सकतीं है। इस अवसर पर सभी महिलाओं को मेरी शुभकामनाएँ।
डॉ सुनीता, वरिष्ठ प्रोफ़ेस्सेर- ललित कला विभाग बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी।
सम्मानित हुई महिलाओं में से डॉ प्रियंका सिंह ने नारी समस्याओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने नारी समस्या पर एक भावपूर्ण कविता भी सुनाई। फबिहा खान ने सभी को शुभकामनाएँ देते हुए इस आयोजन को भूरी-भूरी प्रशांसा की।
उपस्थित अतिथि
कार्यक्रम का संचालन साधना निरंजन ने किया था। बहार से आये हुए चित्रकारों व सभी अतिथियों का आभार ज्ञापन मृदुला सक्सेना के द्वारा किया गया| इस अवसर पर आर के खत्री, मुईन अख्तर, विक्रांत झा , आशा पाण्डेय, पारुल सोसा, उमा पराशर, कामिनी मिश्रा, स्वाति जैन, साहिबा, शैलेन्द्र, धीरज, शीतल सोनी, जगदीश लाल, श्रृखला साहू, नायीम खान, संजीव कुमार, आरती वर्मा तथा भारत के कई क्षेत्रों से आये हुए चित्रकार मौजूद रहे|
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