बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी की सफलता के सूत्र लेख में सभी सफल होने के कारणों पर बिंदुओं पर विस्तार से बताया गया है। सोसायटी की सफलता के रहस्य या सफलता के सूत्र के बारे में चलिए हम विस्तार से जानते हैं।
सफलता के सूत्र
केवल 4 साल के कम समय में बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी ने पूरे विश्व-कला जगत में अपना व बुंदेलखंड का नाम रोशन किया है। इस सफलता के पीछे कई सफलता के सूत्र हैं। सोसायटी बुंदेलखंड कला की पहली एक मात्र एसी संस्था है जिसने ये कारनामा किया है। आज कला जगत से जुड़े हर कलाकार के लिए सोसायटी एक चिर-परिचित नाम है।
लगातार देश-विदेश के कलाकारों का सोसायटी से जुड़ रहे हैं। दिन-प्रतिदिन सोसायटी के आयोजन विश्व-स्तर लोक-प्रिये का होते जा रहे हैं।आख़िर कम समय में इतनी बड़ी सफलता के पीछे क्या राज़ हैं? चलिए जानते हैं कि इन सफलताओं के क्या-क्या सूत्र हैं। इनमें से प्रमुख इस प्रकार हैं:
- व्यक्ति विशेष व पद विशेष का नही कर्म विशेष का सूत्र
- कला जगत में अपना नाम व विश्वास जगाया है
- नये व सक्रिय लोगों के लिए उचित मंच
- सोसायटी एक संस्था नही, परिवार है
- केवल कला व कलाकारों के विकास व उत्थान का उद्देश्य
- संस्थागत प्रतिस्पर्धा से दूर, कला के सहयोग के लिए काम करना
- कलाकारों को महंगाई के समय में निःशुल्क या सबसे काम खर्चीले अवसर प्रदान करना

व्यक्ति विशेष व पद विशेष का नही कर्म विशेष का सूत्र
सोसायटी बाक़ी संस्थाओं की तरह पद व व्यक्ति विशेष को रेखांकित नही करती। सोसायटी में कर्म प्रधानता के सूत्र पर काम किया जाता है। जहां बाक़ी संस्थाएँ अपने संस्थापकों या पदाधिकारियों के चेहरे व नाम को आगे कर के चल रहीं हैं; वहीं बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी एक परिवार के रूप में केवल सोसायटी के नाम व लोगों को आगे कर के चल रही है।

कला जगत में अपना नाम व विश्वास जगाया है
इस समय बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी कला जगत के लोगों को तेज़ी से आकर्षित कर रहा है। इसके कई कारण व सोसायटी की भविष्य में सम्भावनाएँ हैं।पिछले कुछ ही सालों में अपने काम व कला के प्रोत्साहन से सोसायटी ने कला जगत के लोगों के दिलों में अपना विश्वास जगाया है। यही कारण है की देश-विदेश से लगातार लोगों का जुड़ना जारी है। अब तक सोसायटी परिवार के सदस्यों के संख्या लगभग १०० के पार जा चुकी है।
अन्य नये व सक्रिय लोगों के लिए उचित मंच
नये लोगों का तेज़ी से सोसायटी से जुड़ना ये साबित करता है कि सोसायटी में सभी वर्ग के कला जगत के लोगों के लिए सम्भावनाएँ हैं। इस सम्बंध में सोसायटी के उपाध्यक्ष विक्रांत झा का कहना है,
हमारा लक्ष्य कलाकारों का एक परिवार विकसित करना है ना की हमारी संस्था के सदस्य बनाना। हम लोगों से भावनात्मक जुड़ाओ चाहते हैं। एक एसे परिवार का सपना है जिसमें आपसी मेल-मिलाप, सहयोग, सीखने-सीखने की भावना, साथ काम करने की ललक व कला के विकास का लक्ष्य हो।
विक्रांत झा, उपाध्यक्ष बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी

इसी लिए सोसायटी हमेशा नए-नए लोगों को ज़िम्मेदारी देने की परम्परा पर चलती है।जिससे की नए लोगों को ना केवल सीखने को मिले, बल्कि उन्हें भी नाम कमाने आ पूरा-पूरा अवसर मिले। यह अवसर उन सभी सदस्यों के लिए खुला है जो स्वयं आगे आ कर कुछ करना चाहते हैं।सोसायटी में सदस्यता मामलों की प्रभारी मेराज फ़ातिमा का कहना है,

बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी परिवार सभी के लिए खुला है। हम सदस्यता आजीवन दे रहे हैं जिसका एक बार में एक निश्चित शुल्क अदा करना होता है। यदि कोई शुल्क जमा करने की स्थिति में नही है मगर उसकी तमन्ना कुछ करने की हैं, तो भी उसके लिए हमारे द्वार निःशुल्क खुले हैं।
मेराज फ़ातिमा, प्रमुख प्रभारी, सदस्यता व आंतरिक प्रबंधन।
सोसायटी परिवार की विभिन्न अवसरों पर तस्वीरें
Kamini Mishra, one of our member conduction a program Dinner After Manu-2 Inauguration in 2021
सोसायटी एक संस्था नही परिवार है
बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी एक संस्था नही, एक परिवार है। जैसा कि बताया जा चुका है की यहाँ पद प्रधानता नही हैं। अतः सभी सदस्यों मिल के एक साथ एक टीम की तरह काम करते हैं। अलग-अलग अवसरों पर अलग-अलग सदस्यों को काम ज़िम्मेदारी दी जाती है। अगर अपनी इच्छा से कोई सदस्य कोई काम करना चाहता है तो उसे प्राथमिकता दी जाती है।
काम के साथ-साथ सभी सदस्य अपनी सफलताओं का जश्न भी साथ-साथ मनाते हैं। ये परिवार समय-समय एक साथ भोजन करके, एक दूसरे की ख़ुशियों व दुखों में शामिल होकर आपसी प्रेम-मिलाप को प्रोत्साहन देता है।

केवल कला व कलाकारों के विकास व उत्थान का उद्देश्य
बुंदेलखंड क्षेत्र में कला कर्म पहले से ही हो रहे थे। किंतु सॉसाययटी का उद्देश्य कला गतिविधियों को नियमित करने का, व उन्हें विश्वस्तर का नयी तकनीक व सूचना क्रांति से जुड़ने का है। यही कारण है की ऑनलाइन माध्यम में सॉसाययटी आज सशक्त रूप से खड़ी है। सॉसाययटी की अपनी स्वयं की एक ऑनलाइन आर्ट गैलरी है, ब्लॉग है व वेबसाइट है। करोना काल में इन्हीं माध्यम से सॉसाययटी ने देश विदेश में बुंदेलखंड का काफ़ी नाम किया है।
संस्थागत प्रतिस्पर्धा से दूर, कला के सहयोग के लिए काम करना
सॉसाययटी किसी भी संस्था के प्रतिस्पर्धा में या विरोध में काम नही करती। यदि कोई संस्था हम से मिलता-जुलता नाम ले कर नयी संस्था बनती भी है तो भी सॉसाययटी इसे अपनी सफलता मानती है। आख़िरकार हमारा उद्देश्य बुंदेलखंड को कला के क्षेत्र में विकसित करना है। फिर चाहे ये काम हम करें या हम से प्रेरित हो कर कोई ओर करे। केवल कला व कलाकारों के विकास के लक्ष्य की प्राप्ति होनी चाहिए। भविष्य में कला के क्षेत्र में अच्छा काम करने वाली संस्थाओं हम सम्मानित भी करेंगे।
कलाकारों को महंगाई के समय में निःशुल्क या सबसे काम खर्चीले अवसर प्रदान करना
आज के समय में कला-प्रदर्शनी या कला के आयोजन के नाम पर कलाकारों से रूपय वसूले जा रहे हैं। कुछ शुल्क आयोजन के खर्चे को देखते हुए ज़रूरी भी होते हैं। किंतु कुछ अनावश्यक भी होते हैं जिनका उदेशय केवल पैसे कामना होता है।
बुंदेलखंड आर्ट सोसायटी का उद्देश्य पैसे कामना नही है। हमारा उद्देश्य काम से काम खर्च में चित्रकारों को अधिक से अधिक लाभ पहुँचना है। इसी का एक उदाहरण मनु-अंतराष्ट्रीय महिला कला प्रदर्शनी के पिछले दोनों संस्करण रहे हैं। मनु के दोनो पिछले आयोजन महिला चित्रकारों के लिए निःशुल्क थे। आगे भी मनु के साथ-साथ अन्य सभी प्रोजेक्ट को निःशुल्क या कम से कम शुल्क पर आयोजित करने का हमारा लक्ष्य है।
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Nice to see your progress
Stay blessed
Thanks for your feedback.
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