चित्रकला में पहली बार स्वर्ण पदक प्रारंभ | Fine Art Department BU Jhansi

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आख़िरकार बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के ललित-कला विभाग (Fine Art Department BU Jhansi) में अब स्वर्ण पदक दिया जयगा। चित्रकला विषय में सर्वोच्च अंक करने वाले मेघवी छात्र-छात्राओं को अब स्वर्ण पदक दिया जयगा। अब तक अन्य विषयों में स्वर्ण पदक दिया जाता रहा है। चित्रकला का विषय ही अब तक इस स्वर्ण पदक से वंचित था।

डॉ मधु श्रीवास्तव की स्मृति में स्वर्ण पदक

बुंदेलखंड की चर्चित लोक चित्रकार डॉ मधु श्रीवास्तव की स्मृति में स्वर्ण पदक  दिया जयगा। गौर तलब है कि अभी हाल ही में डॉ मधु श्रीवास्तव का देहांत 18 जून 2023 को हुआ। उन्होंने जीवन भर बुंदेली लोक कला के उत्थान व विकास के लिए काम किया। वे एक मात्र महिला चित्रकार थीं जिन्होंने बुंदेली लोक कला को अपना जीवन समर्पित किया। बुंदेली लोक कला में शोध भी किया और एक पुस्तक भी लिखी।

उनके इस योगदान में उनके पति दिनेश कुमार श्रीवास्तव ने उनका बखूबी साथ दिया। उन्होंने डॉ मधु श्रीवास्तव के मरणोपरांत भी उनके कार्यों को जारी रखने का प्रण लिया। यह पदक उन्ही के प्रयासों का परिणाम है।

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स्वर्ण पदक प्रारम्भ करवाने का श्रेय

स्वर्ण पदक को प्रारंभ करवाने का श्रेय डॉ मधु श्रीवास्तव के पति एडवोकेट दिनेश श्रीवास्तव को जाता है। उन्होंने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ 8 अगस्त 2023 को बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झाँसी के कुलपति से मुलाक़ात की। इस अवसर पर उन्होंने कुलपति को डॉ मधु श्रीवास्तव की लिखी पुस्तक भेंट की। मधु जी के द्वारा बुंदेली शैली में बनाया गया अंग वस्त्र भी कुलपति को भेंट किया गया। स्वर्ण पदक हेतु निर्धारित धनराशि का चेक भी कुलपति को दिया गया।

इस अवसर पर प्रोफेसर एस पी सिंह विभाग अध्यक्ष जूलॉजी डिपार्मेंट, ललित कला संस्थान की समन्वयक डॉ सुनीता, डॉ बृजेश परिहार, डॉ अंकिता शर्मा, डॉ संतोष कुमार, दिलीप कुमार, गजेंद्र सिंह व अनिल बोहरे अतुल खरे आदि उपस्थित रहे।

ललितकला (Fine Art Department BU Jhansi) के मेघवी छात्र-छात्राओं की निराशा का अंत

अब तक प्रत्येक वर्ष होने वाले बुंदेलखंड के दीक्षांत समारोह में ललितकला के सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को निराशा होती थी। स्वर्ण पदक के लिए ललितकला विभाग के बच्चों लगभग 20 वर्ष का इंतेज़ार करना पड़ा।

ललित कला विभाग के दूसरे बैच 2005 के एम ए (चित्रकला) में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले छात्र मुईन अख़्तर इस पहल से बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने कहा,

“निश्चित रूप से ये दिनेश कुमार की यह एक सार्थक पहल है जो डॉ मधु श्रीवास्तव को अमर बना देगी। वैसे तो मधु जी के योगदान को कोई नहीं भुला सकता किंतु एक नियमित रूप से कला शिक्षा में उनके पदक से भी आने वाली पीडी को प्रेरणा मिलेगी। अन्य विषयों की भाँति अब चित्रकला में भी स्वर्ण पदक होगा, ये बहुत ख़ुशी की बात है। मैं दिनेश जी का आभारी हूँ कि उन्होंने चित्रकला विषय में वर्षों से चली आ रही निराशा को समाप्त कर स्वर्ण पदक की शुरुआत की…।“

अब दीक्षांत समारोह में चित्रकला में भी मिलने लगेगा स्वर्ण पदक

आगामी दीक्षांत समारोह से चित्रकला में मिलने लगेगा स्वर्ण पदक। वर्तमान में ललित कला विभाग (Fine Art Department BU Jhansi) में तीन कोर्स चल रहे हैं। अब तीनों कोर्स में सर्वोच्च अंक प्राप्तकर्ताओं को दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक दिए जाएँगे। वास्तव में यह एक अच्छी शुरुआत है। देर हाई सही मगर चित्रकला के बच्चों को न्याय आख़िरकार मिल ही गया।

सम्मान बोर्ड (प्रवीण सूची) को शुरू से अप्डेट करने की माँग

पूर्व सर्वोच्च छात्र व छात्राओं की ओर से सम्मान बोर्ड को शुरू से अप्डेट करने की माँग है। जिस वर्ष से जो  कोर्सेज़ शुरू हुए हैं, तब से ले कर वर्तमान तक सभी मेधावियों के नाम सम्मान तख्ती पर उल्लेखित हों। वर्तमान में विश्वविद्यालय के ललित कला (Fine Art Department BU Jhansi) में कुछ चुनिंदा वर्षों के चुनिंदा छात्रों के ही नाम उल्लेखित हैं। इससे पूर्व व वर्तमान छात्र-छात्राओं में नाराज़गी है। अतः स्वर्ण पदक की शुरुआत के बाद सम्मान बोर्ड के अप्डेट को ले के भी उम्मीद जागने लगी है। उम्मीद है कि विश्वविद्यालय व ललित कला विभाग इस बारे में गम्भीरता से विचार करेगा। जल्द ही यह काम भी पूरा हो ऐसी आशा है।  

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